मशरूम की खेती क्यों?
by- सत्यम ब्रह्मचारी
बढ़ती जनसँख्या, भूमि विभाजन, कुपोषण, जल की कमी, बेरोजगारी एवं जलवायु परिवर्तन आज की प्रमुख समस्याएँ हैं | इनके समाधान के विभिन्न उपायों में मशरूम की खेती एक विकल्प के रूप में आवश्यक है क्योकि मशरूम पौष्टिक एवं औषधीय गुणों से भरपूर, जलवायु परिवर्तन के साथ सामंजस्य, अत्यंत कम भूमि (खेती बिना खेत के ) एवं कम जल में इसका उत्पादन किया जा सकता है | कम अवधी की फसल होने के कारण इसे झोपड़ी या घर में साल में कई फसल आसानी से उगाई जा सकती है | इसके अलावा वर्टीकल्स स्पेस का उपयोग करके खेती का क्षेत्र बढ़ाया जा सकता है| आज मशरूम से सभी लोग परिचित है तथा इसका उत्पादन बिहार में 2000 टन पहुँच गया है तथा 20000 से ज्यादा परिवार इसकी खेती से जीविकोपार्जन कर रहे है | अत: भविष्य की चुनौतियो को ध्यान में रखकर मशरूम की व्यावसायिक खेती आदिवासी क्षेत्रों में आवश्यक हो गया है | खास तौर समाज के गरीब परिवार के लिए जो अशिक्षित एवं भूमिहीन है उनके लिए जीविकोपार्जन के लिए उत्तम साधन हैं| क्योकिं मशरूम, प्रोटीन का दाल, दूध एवं मांस से सस्ता विकल्प है |
मशरूम की खेती को बढ़ावा देने के लिए मशरूम की खेती करने की विधि, मशरूम बीज उत्पादन तकनीक, मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण, मशरूम उत्पादन और प्रसंस्करण इत्यादि विषयों पर किसानों को कृषि विश्वविद्यालयों और अन्य प्रशिक्षण संस्थाओं द्वारा पूरे वर्ष प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। मशरूम की खेती के लिए महिलाओं को अधिक प्रोत्साहित किया जा रहा है।
ये तो हुई मशरूम से संबन्धित कुछ बातें , हम बेबाक अड्डा पे आपको और भी जानकारी इस सिरीज़ में उपलब्ध करवाएँगे , हम विशेषज्ञों से आपको रूबरू जरूर करवाएँगे , बिहार और पूरे देश में खेती कैसे की जाती है, हम किस संस्था से जुड़ सकते हैं ,कुछ सवाल जो हमारे मन में उठते हैं जैसे की ,
क्या किसानों की आय दोगुना कर सकती है ये फसल ?
प्रगतिशील किसानों को जागरूक करने के लिए सरकार क्या कर रही है ?
कौन कौन सी कंपनी हैं जो एंड तो एंड सोल्यूशंस किसानों को देती है ? फसल उगाने से ले के फसल को खरीदने की पूर्ण गारंटी लेती है ?
मशरूम की खेती कैसे की जाती है ?
मशरूम के बाज़ार और प्रकार सब की जानकारी हम आपको आगे देने जा रहे हैं। तो आइये हमारे एस श्रिंखला से जुड़िये और मशरूम उगाइये |
हमारे विशेषज्ञ Satyam Brahmchari जी ब्रह्मचारी हर्बल मशरुम फार्म एवं प्रशिक्षण केंद्र, डुमराव के प्रमुख हैं और बिहार तथा देश के अन्य राज्यों में बहूत सक्रिय योगदान निभा रहे हैं ,
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