निशब्द .. भावनाओं के शब्द..
अक्षरों की दुनियाँ में आज हम बात करने जा रहे नई लेखिका का जिनका लेखन की दुनियाँ मे पहला कदम है।
संक्षिप्त परिचय
सुनीता साजू मैथ्यू मूल रूप से एक शिक्षिका हैं। आपने एम0 बी0 ए0 और एम0 ए0 उपाधियाँ प्राप्त की हैं। वर्तमान समय में आप अध्यापिका के रूप में अपनी सेवाएँ दे रही हैं। ‘निःशब्द..भावनाओं के शब्द’ आपकी पहली रचना है जिसमें आपने अपनी लेखनी के द्वारा सृष्टि की सुंदरता के साथ मानवीय भावनाओं और रिश्तों की विभिन्न पहलुओं को उजागर करने का विनम्र प्रयास किया है।
जीवन मृल्यवान है। यह सर्वशक्तिमान परमेश्वर की देन हैं। हमारी भावनाएँ इस जीवन को सुःखद और जीने लायक बनाती है। इन्हीं भवनाओं का आदान प्रदान जीवन को मूल्यवान और सुरक्षित बनाती है। शुभकामना यही है कि हमारी भावनायें सृष्टि और सृष्टिकर्ता को समझने में हमारी सहायता करे।
एक बार जरूर पढ़ें भावनाओं के उन रचनाओं को जिनको बोलते या महसूस करते व्यक्त कभी कभी लोग निशब्द हो जाते हैं….
Very good book. Only after reading this you will understand.
Thank you so such for positive words…..????