24 April 2024

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कहो खुल के

देवघर स्वास्थ्य महकमा में स्थानांतरण, नियुक्ति व प्रतिनियुक्ति का रोजगार फल फूल रहा है

देवघर स्वास्थ्य महकमा में स्थानांतरण, नियुक्ति व प्रतिनियुक्ति का रोजगार फल फूल रहा है
साहेब व बाबू का गठजोड़ से हर कोई हलकान

बेबाक अड्डा, देवघर/रांची

देवघर स्वास्थ्य महकमा में स्वास्थ्य कर्मियों का स्थानांतरण, प्रतिनियुक्ति व नियुक्ति का कारोबार फल फूल रहा है. इसका पूरा पूरा श्रेय लिपिक अनूप कुमार वर्मा व सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार के गठजोड़ के सहारे हो रहा है. स्वास्थ्य निदेशालय झारखंड के निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं को भी पूरे मामले से देवघर निवासी चंद्रशेखर खवाड़े ने अवगत कराया है. साथ ही इसकी जानकारी सरकार के प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग झारखंड, स्वास्थ्य मंत्री झारखंड, सारठ विधायक रणधीर सिंह को भी दिया गया है. लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं किया गया है. नतीजा साहेब एवं बाबू बेखौफ होकर देवघर स्वास्थ्य महकमा में अपने मनमर्जी से कामकाज को गति दे रहे हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों एवं देवघर के लोगों में सख्त नाराजगी है. निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएं को भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि विभागीय जांच में कई बार दोषी पाए गए लिपिक अनूप कुमार वर्मा के साथ सिविल सर्जन डॉक्टर विजय कुमार मिलकर अवैध गठबंधन के सहारे नियम कानून को तोड़कर नियुक्ति, स्थानांतरण, प्रतिनियुक्ति के सहारे अवैध कमाई कर रहे हैं. 


मनमाने ढंग से स्थानांतरण का लंबा फेहरिस्त है

लोकायुक्त में दायर परिवाद पर सुनवाई के बाद सिविल सर्जन देवघर की कार्यालय आदेश द्वारा स्वास्थ्य कर्मी (लिपिक) चितरंजन विश्वकर्मा का स्थानांतरण सदर अस्पताल देवघर से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोहनपुर किया गया है. सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार के पद पर आने के बाद अपने आदेश द्वारा सदर अस्पताल देवघर में पदस्थापित लिपिक का अन्यत्र प्रतिनियुक्ति करते हुए लिपिक चितरंजन विश्वकर्मा को पुनः सदर अस्पताल का प्रभार दिलाते हुए दूसरे आदेश द्वारा मोहनपुर प्रखंड अस्पताल में लिपिक की प्रतिनियुक्ति कर दिया गया. बगैर स्थापना समिति का गठन तथा विभागीय स्तर से अनुमोदन प्राप्त किए बिना सिविल सर्जन देवघर तथा लिपिक अनूप कुमार वर्मा जुलाई 2019 से अगस्त 2020 तक अनेकों कर्मचारियों का स्थानांतरण किये हैं. स्वार्थों की पूर्ति के लिए स्थानांतरण स्थगित करने अथवा मनचाहे स्थान पर प्रतिनियुक्ति-स्थानांतरण का संशोधित आदेश जारी करते हुए कई घोटाले किए गए हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पालोजोरी में पदस्थापित लिपिक पूर्व से सदर अस्पताल देवघर में प्रतिनियुक्ति पर थे. लिपिक अनूप कुमार वर्मा, विकास कुमार अकेला से आवेदन के आधार पर उनका स्थानांतरण जून 2020 में सदर अस्पताल देवघर में कर दिया गया. इसके 2 माह बाद ही विकास कुमार अकेला का पुनः स्थानांतरण अगस्त 2020 में सिविल सर्जन कार्यालय देवघर में कर दिया गया. जबकि विकास कुमार अकेला नवनियुक्त लिपिक है. लिपिक अनूप कुमार वर्मा ने सहयोग के लिए मनमाने रूप से उनका स्थानांतरण सिविल सर्जन कार्यालय देवघर में कराएं हैं. 


स्वास्थ्य महकमा में भ्रष्टाचार चरम पर

देवघर स्वास्थ्य महकमा में भ्रष्टाचार का हालत यह है कि सदर अस्पताल देवघर में पदस्थापित एकमात्र ड्रेसर का स्थानांतरण जून 2020 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जसीडीह में करते हुए सदर अस्पताल देवघर में पदस्थापित एक चतुर्थवर्गीय कर्मी से मोटी राशि लेकर उसे ड्रेसिंग रूम का प्रभारी कर्मचारी बनाते हुए अस्पताल में ड्रेसिंग करवाया जा रहा है. सिविल सर्जन कार्यालय देवघर का जुलाई 2019 से अब तक के निर्गत पणजी की जांच करने से कार्यालय में अवैध स्थानांतरण, प्रतिनियुक्ति एवं नियुक्ति आदेश निर्गत से संबंधित अनेकों मामले मिल जाएंगे. 

कोरोना महामारी में भी स्थानांतरण धड़ल्ले से किया गया

वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान भी बगैर विभागीय निर्देश के ही सिविल सर्जन देवघर द्वारा ए एन एम के स्थानांतरण की सूचना निर्गत करते हुए अवैध राशि की उगाही किया गया. पुनः पैसा लेकर कुछ ए एन एम का स्थानांतरण मनचाहे स्थान पर किया गया. यही नहीं नियुक्ति के लिए सरकार द्वारा दिए गए समस्त निर्देशों की खुलकर अवहेलना करते हुए आवेदन के आधार पर कार्यालय आदेश द्वारा एक चालक, दो कंप्यूटर ऑपरेटर की नियुक्ति मोटी राशि लेकर की गई. 

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