यूपीएससी परीक्षा में सफल तान्या अम्बष्ठ का लक्ष्य समाज के वंचित वर्गों, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं की भलाई व सामाजिक स्तर पर उत्थान के लिए अहर्निश काम करना
बेबाक अड्डा, देवघर

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नाम : तान्या अम्बष्ठ
पिता : बसंत कुमार सिन्हा
मां : रूपकला सिन्हा
पैतृक घर : खड़गडीहा, गिरिडीह (झारखंड), देवघर जसीडीह में पिछले 25 वर्षों से रह रही हैं.
संत फ्रांसिस स्कूल जसीडीह : वर्ष 2010 में 10वीं परीक्षा 93.6 फीसदी अंक से पास.
प्लस टू जवाहर विद्या मंदिर श्यामली रांची : वर्ष 2012 में 12वीं परीक्षा 88 फीसदी अंक से पास.
बीआईटी मेसरा देवघर : वर्ष 2016 में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की.
प्लेसमेंट : सेपियंट प्राइवेट लिमिटेड गुड़गांव में वर्ष 2016 से कार्यरत.
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सवाल : देश की सर्वोच्च सेवा सिविल सर्विसेज के क्षेत्र में जाने की इच्छा क्यों और कैसे हुई.
जवाब : गुड़गांव में आईटी कंपनी सेपियंट (SAPIENT) प्राइवेट लिमिटेड में काम करते वक्त वर्ष 2016 के अंत में यह ख्याल आया कि सिविल सर्विस के क्षेत्र में किस्मत आजमाया जाये. मेरे आठवीं एवं नवमी के टीचर विपिन सर ने भी बताया था कि यूपीएससी परीक्षा के लिए एक बार कोशिश जरूर करना. फिर मैं यूपीएससी की परीक्षा के बारे में इंटरनेट पर सर्च करने लगी. इंटरनेट पर सर्च के दौरान लगा कि हम इसमें बेहतर कर सकते हैं. साथ ही कई आईएएस ऑफिसर के कामकाज का तरीका देखा था. उन लोगों से भी धीरे-धीरे प्रेरणा मिलता गया.
सवाल : पहली बार परीक्षा में कब शामिल हुई थी. इसकी तैयारी कब से शुरू की.
जवाब : अगस्त 2017 से इसकी तैयारी शुरू कर दी. वर्ष 2018 में पहली बार परीक्षा में शामिल हुई. प्रिलिमिनरि (preliminary) क्लियर हो गया. लेकिन मेंस एग्जाम 4 नंबर से छूट गया था. मतलब साफ था की ऑप्शनल पेपर में कम मार्क्स आया था. पीटी परीक्षा में सफल होने से मन में हिम्मत बंधा था.
सवाल : आपने सिविल सर्विस एग्जाम कैसे क्लियर किया. पेरेंट्स का कितना सपोर्ट मिला.
जवाब : पहला अटेम्प्ट में असफलता हाथ लगने के बाद लगा कि सारी चीजें खत्म हो गई है. ऐसी स्थिति में मैं समझ नहीं पा रही थी कि आगे तैयारी करूं या ना करूं. फिर पापा लगातार इनकरेज करने लगे. उनसे हिम्मत मिली. उन्होंने कहा कि मेंस सिर्फ चार नंबर से छूटा है. दोबारा कोशिश करो. उनका लगातार सपोर्ट व गाइडेंस मिलने के बाद सफलता का रिजल्ट सामने है. उन्होंने हर एक स्टेप पर साथ दिया. उनका काफी शुक्रगुजार हूं. मैं अपने आप को लक्की मानती हूं.
सवाल : आपका ऑप्शनल सब्जेक्ट क्या था. इसकी तैयारी कैसे और कहां से की.
जवाब : मेरा ऑप्शनल सब्जेक्ट एंथ्रोपोलॉजी था. आईटी कंपनी में काम करते हुए मेरे लिए फुल टाइम कोचिंग सेंटर ज्वाइन करना संभव नहीं था. फिर मैंने कुछ सब्जेक्ट खुद से प्रिपेयर किया. जहां लगा कि कुछ सब्जेक्ट के लिए क्लासेस की जरूरत है, तो फिर दिल्ली से ऑनलाइन और ऑफलाइन क्लासेस जॉइन की. कोचिंग के माध्यम से करीब 3 महीने में मेरा पूरा सिलेबस कंप्लीट हो गया था. घर में नॉर्मली 6 से 7 घंटे पढ़ाई करती थी, वीक एंड में 10 से 12 घंटे की पढ़ाई कर लेती थी. लेकिन एग्जाम के वक्त करीब 10 घंटे की पढ़ाई करने की कोशिश करती रहती थी.
सवाल : परीक्षा की तैयारी के लिए ऑफिस से कितना सपोर्ट मिलता था.
जवाब : ऑफिस ज्वाइन करने के बाद शुरुआती दौर में एडजस्ट करने में वक्त लग गया. जब कभी प्रोजेक्ट खत्म हो जाता था, तो मैं तुरंत दूसरा प्रोजेक्ट नहीं लेना चाहती थी. इसके लिए एचआर मैनेजर को बता दिया करती थी कि 1 माह बाद दूसरा प्रोजेक्ट लेंगे. सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी के बारे में नहीं बताती थी की छुट्टी चाहिए. हां कुछ इंगेजमेंट है, इसके लिए कभी ऑफिस से भी छुट्टी ले लेती थी. जब कभी ऑफिस का प्रोजेक्ट खत्म होता था, तो उस वक्त भी टाइम का सही-सही यूटिलाइज पढ़ाई के लिए करती थी. ऑफिस से कहा जाता था कि आप स्किल डेवलपमेंट पर भी ध्यान दीजिए.
सवाल : सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी के लिए महानगर की तुलना में छोटे शहर वाले अपने को कहां पाते हैं.
जवाब : अभी इंटरनेट का जमाना है. देवघर जसीडीह के रहने वाले हो या महानगर दिल्ली में कोई अंतर नहीं है. जितने भी टॉपर हैं. वो अपना स्ट्रेजी शेयर करते रहते हैं. वर्ष 2019 बैच के सफल विद्यार्थियों ने एक वेबसाइट बनाया है. इसके अलावा किसी सब्जेक्ट में दिक्कत हो रहा है तो वे ऑनलाइन क्लासेस भी देते हैं. इसके अलावा अमेजॉन फ्लिपकार्ट से विद्यार्थी सभी स्टडी मैटेरियल को बुक कर मंगवा सकते हैं. टेस्ट सीरीज का मैट्रियल भी दुकानों से संपर्क कर मंगवाया जा सकता है. मैं अपने अनुभव से कह सकती हूं कि घर पर रहकर तैयारी करना ज्यादा बेहतर है. अगर सही इनवारामेंट मिल पाये. क्योंकि महानगर में रहने में भी काफी चैलेंज है. विद्यार्थियों को अपने अनुसार तय करना होगा कि वह बेहतर तरीके से कहां पढ़ पाएंगे. इस पर ध्यान देना बेहद जरूरी है.
सवाल : देश के युवाओं के लिए क्या संदेश देना चाहेंगी.
जवाब : युवाओं को अपने आप को देखते हुए लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए. कोशिश तो यह करना चाहिए कि वे हमेशा ऊंचा सपना देखें. ऊंचा लक्ष्य बनाकर उसे पाने के लिए अपने आप को समर्पित कर दें. खुद में काबिलियत लाइए, मेहनत व लगन से सफलता प्राप्त करें. जहां भी कमी है, उसे दूर करते हुए समय के साथ अपने आप को इंप्रूव करना चाहिए.
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