25 April 2024

bebaakadda

कहो खुल के

Breath second season

Breath second season

By -प्रियंका ओम
 
आज मनोरंजन की दुनिया में प्रियंका जी लेके आयीं हैं ,ब्रेथ 2nd सीजन पे उनके विचार, पहली सीजन में माधवन हीरो थे दूसरी में अभिषेक बच्चन है. 
 
जिन्हें लगता है अभिषेक बच्चन को अदाकारी नहीं आती वह एक दफा breath second season जरूर देखें, अमेज़न प्राइम पर उपलब्ध है !
 
बीते हफ्ते देखी थी, बारह एपिसोड एक साथ देखना संभव न हो पाया | अनहद सुस्तम, किन्तु सीरीज की यही तो खासियत अन्यथा आप जुड़ाव महसूश नहीं करेंगे, जुड़ाव भी ऐसा की कभी अवि आँखों के सामने आता तो कभी J डराता रहा, कुल मिलाकर जहन पर अभिषेक बच्चन तारी रहा,भला क्यों न हो ? एक आम लड़की की आम सी चाहना ही तो है वह परफेक्ट फॅमिली मैन, तमाम स्त्रियों के स्वप्न सा !
 
सीरीज में अभिषेक को MPD (multi personality disorder ) नामक बीमारी है इस बीमारी में एक व्यक्ति कई जिंदगी जीता है |
 
निदा फाजली ने क्या ही खूब कहा है
“हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी
जिसको भी देखना हो कई बार देखना”
 
मैं MPD के बनिस्बत आल्टर ईगो ( alter ego ) कहना अधिक पसंद करुँगी, आल्टर ईगो का अर्थ है दूसरा वैकल्पिक व्यतित्व, मूलतः यह शब्द लैटिन से आया है जिसका अर्थ “ other self”अर्थात दूसरा स्वत्व | इस सीरीज में अभिषेक बच्चन द्वारा अभिनीत मुख्य पात्र डॉक्टर अविनाश सबरवाल का other self J जिसका जन्म ठीक माँ की मृत्यु के बाद होता है, अवि की दुनिया माँ है, माँ के बाद उसकी दुनिया उजड़ जाती है | जिस बस एक्सीडेंट में माँ की मौत होती है उसी एक्सीडेंट में अवि के पैर में भी गहरी चोट लगती है जो बाद में ठीक हो जाता है लेकिन J का जन्म ठीक उसी वक़्त होता है इसलिये J लिम्प करता है, यानि लंगड़ा कर चलता है |
अनाथ अवि को उसके रिश्तेदार शिमला के बोर्डिंग स्कूल में डाल देते हैं, दुसरे बच्चे शांत अवि को छेड़ते हैं, तंग करते है तब अवि का क्रोधित, उग्र स्वरुप J सामने आ अवि को प्रोटेक्ट करता है !
स्कूल के प्रिंसिपल को अकेले बच्चे से लगाव हो जाता है, वह उसके वीयर्ड व्यवहार से आक्रांत हो उसे मनोचिकित्सक के पास ले जाते हैं जहाँ J का सच बाहर आता है !
 
“ हर व्यक्ति के साथ कितना कुछ गोपनीय होता है । सतह के ऊपर किसी से मिलते हुए, उसके बारे में बहुत कुछ जानते हुए भी हम उसके अंतर्मन के गहन कोनों से कितने अनजान रहते हैं, और हमें इसका भान भी नही रहता” [ मुझे चाँद चाहिए ]
 
बाद में j स्कूल के प्रिंसिपल जिसे वह पा कहता है उनकी हत्या कर देता है, यह पहली हत्या है जो सबसे अंत में दिखाया जाता है उसके बाद सीरीज में तीन और हत्याएं होती है जो J अवि से करवाता है, दरअसल अवि मनोचिकित्सक है,हत्याओं के लिए वह ( यानि J ) दिमागी खेल खेलता है इस खेल के लिए सबसे पहले वह अपनी बेटी को अगवा करता है और रैनसम के तौर हत्याएं करवाता है , इन हत्याओं में बेटी को पाने की खातिर उसकी पत्नी बराबर की भागीदार रहती है जो एक फाइव स्टार में शेफ है |
 
सीरीज का अंत एक क्लू से होता, C 16 जो दर्शकों में प्रतीक्षा का पुल बनाती है |
MPD पर सबसे पहले अमरीकन लेखक सिडनी शेल्डन ने लिखा, tell me your dreams ( 1998 )जिसमे मुख्य पात्र आश्ले के दो alter है, टोनी और अलेत्ते, टोनी का जन्म Egypt में पिता द्वारा वलात्कार के दौरान होता है, जब वह आती है तो आश्ले अरेबिक में बात करती है, हमारे यू पी बिहार में इसे माता आना कहा जा सकता है खैर जिसने यह उपन्यास पढ़ा है उसके लिए breath को समझना सरल है !
 
Tell me your dreams पहली दफा मुझे उपहार में मिली थी, बंजारेपन में वह किताब कहीं खो जाने के बाद दूसरी दफा मैंने खुद खरीदी, इस किताब का अचंभित करता प्लाट मेरे जहन से कभी निकल नहीं पाया और शायद इसलिए ही मैंने लास्ट कॉफ़ी में इसे recreate करने की कोशिश की और हैरतज़दा छोड़ते हुए इसे पाठकों का बेतरह प्यार मिला जिसे मैं प्रकाशित होने से पहले तक अपनी सबसे कमज़ोर कहानी समझती रही !
 
इस बार फिर breath के MPD plot ने मुझे उतना ही attract किया जितना पहली बार शेल्डन के उपन्यास ने किया था ! कई बार मुझे लगता है आजकल हर व्यक्ति अपने को तहों छुपाये रखता है और जो बाहर दिखाई देता है वो कोई और होता है | वह कोई और “दुनिया”का होता है, दुनिया के लिए होता है, दरअसल दुनिया ही होता है | ये तहें MPD है, तहों के भीतर हम होते हैं | हममें से अधिकांश MPD के शिकार हैं, एक साथ कई जिंदगियां जीते हैं !
 
प्रियंका ओम जमशेदपुर झारखंड  की मूल निवासी हैं और वर्तमान रहवास तंज़ानिया (अफ्रीका ) है 
इनकी प्रकासित किताबें वो अजीब लड़की,मुझे तुम्हारे जाने से नफ़रत है ,लफ़्ज़ों से परे ( लघु कथा संकलन) और धूप के रंग ( साझा कविता संकलन ) हैं , इनको इनके मेल id pree.om@gmail.com  पे संपर्क साधा जा सकता है.

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