दिल बेचारा
सुशांत सिंह राजपूत की आखरी फ़िल्म , क्या लिखें जिस फ़िल्म ने अपने ऑनलाइन प्लेटफार्म पे आने के सिर्फ 2 घंटे बाद रेटिंग्स के सारे रिकॉर्ड तोड़ दे उसका क्या कहना।ये भावनाओ पे आधारित फिल्म है और सुशांत से जुड़ी भावनाओं को शब्दों में ब्यक्त करना काफी मुश्किल है वो भी तब जब वो हम सब के बीच नही है ।फाल्ट ऑफ आवर स्टार किताब पे आधारित ये फ़िल्म बहुत कुछ कह जाती है, एक घंटे 41 मिनट की ये फ़िल्म हँसाती है रुलाती है और सही मायने में भुला देती है कि ये मुस्कान अब हमारे बीच नही है, फ़िल्म के दो किरदार मैनी और kizzi ने तो जान डाल दी , साथ में ये भी बता दिया कि जिंदगी सिर्फ जीना नही होता और मरने के साथ कहानी खत्म नही होती, मरने के बाद भी लोग ज़िंदा रहते हैं कभी अपने पिता के दुख में कभी एक प्रेमिका की हंसी में तो कभी अपने चाहने वालों के आँशुओं में। सच मानिए अगर आप इस फ़िल्म को देख कर ये कहते हैं कि जो मैंने लिखा वो आपको महसूस नही हुआ तो मैं आपको कहूँगा ….चल झूठे और आप भींगी आंखों से मुस्कुरा उठेंगे।इस फ़िल्म में मैनी यानी कि सुशांत का क्लोजिंग सीन जिसमे वो कहते हैं कि मैं अपना फ्यूनरल देखना चाहता हूं, आपको सीधा उनसे जोड़ देगा।उनके सभी चाहने वालों को सच में बेचारगी का एहसास दिलाएगा की वो अब नही हैं, उनको, हम सब को अपने दिल को ये समझाना होगा की एक बहुत ही प्रतिभाशाली शक्स को हमने खो दिया।
सच में ये विधि का विधान ही कहिये की मानव नाम के पात्र के रूप में प्रसिद्धि पाने वालेअपने tv serial पवित्र रिश्ता से अपने करियर को उड़ान देने वाले सुशांत की आखरी फिल्म का किरदार भी मैनी ही था।अलविदा… मानव से मैनी का बेहतरीन सफर मुबारक हो।
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